एक ख्वाहिस हर पल पलती है, जब-जब ये साँसें चलती है, इक अर्सा हो गया खुद से मिले, मेरी पहचान तो बस बनारस से मिलती है।
Uploaded On 18 September, 2020
License
CC0 - Free to Use, Attribution Optional
CC0 - Free to Use, Attribution Optional